इस कहानी को पढ़कर आप समझ जाएंगे कि भगवान क्या करते हैं, क्यों❓️ करते हैं और क्या नहीं करते हैं। एक करोड़पति को करोड़ों का घाटा हुआ व्यक्ति भगवान को नहीं मानता था परंतु मरता क्या न करता भगवान के पास प्रार्थना करने पहुंच गया
कि शायद भगवान के पास कोई हल मिल जाए। दुःख की घड़ी में वह व्यापारी भगवान की मदद हेतु मंदिर गया । सुबह जल्दी गया ताकि परमात्मा से पहली मुलाकात उसी की हो, पहली प्रार्थना वही कर सके। परंतु यहां भी कोई दूसरा पहले ही मांग कर परमात्मा का मन खराब न कर चुका था।
गांव का एक भिखारी पहले से ही मन्दिर में मौजूद था। अंधेरा था वह भी पीछे खड़ा हो गया कि भिखारी क्या मांग रहा है? धनी आदमी सोचता है कि मेरे पास तो मुसीबतें हैं 🤔भिखारी के पास क्या मुसीबतें हो सकती हैं?
करोड़पति व्यक्ति घबरा गया कि उसे देखकर भिकारी यह ना सोचें कि करोड़पति
व्यक्ति भी परेशान है और मुसीबत में है।अक्सर लोग सोचते हैं कि धनी आदमी के पास क्या मुसीबतें होंगी?परंतु एक भिखारी की मुसीबत दूसरे भिखारी के लिए बहुत बड़ी न थी ! उसने सुना कि भिखारी कह रहा है –हे परमात्मा ! अगर हजार रुपए आज न मिलें तो जीवन नष्ट हो जाएगा। आत्महत्या कर लूंगा।
पत्नी बीमार है और दवा के लिए हजार रुपए होना बिलकुल आवश्यक हैं !मेरा जीवन संकट में है !अमीर आदमी ने यह सुना और वह भिखारी बंद ही नहीं हो रहा है; कहे जा रहा है और प्रार्थना जारी है ! तो उसने झल्लाकर अपने जेब से हजार रुपए निकाल कर उस भिखारी को दिए और कहा –
जा ये ले जा हजार रुपए, तू ले और जा जल्दी यहां से अब वह परमात्मा से मुखतिब हुआ और बोला — प्रभु,अब आप ध्यान मेरी तरफ दें, इस भिखारी की तो यही आदत है। दरअसल मुझे पांच करोड़ रुपए की जरूरत है !”भगवान मुस्करा उठे बोले — एक छोटे भिखारी से तो तूने मुझे छुटकारा दिला दिया, लेकिन तुझसे
छुटकारा पाने के लिए तो मुझको तुमसे भी बढा भिखारी ढूंढना पड़ेगा ! तुम सब लोग यहां कुछ न कुछ मांगने ही आते हो, कभी मेरी जरूरत का भी ख्याल आया है धनी आश्चर्यचकित हुआ बोला – प्रभु आपको क्या चाहिए? भगवान बोले – प्रेम ! मैं भाव का भूखा हूँ ।
कभी इस भाव से मुझ तक आओ; फिर तुम्हे कुछ मांगने की आवश्यकता ही नही पड़ेगी।